- बहुमुखी प्रतिभा के सर्वसंपन्न धनी हैं
भायंदर के भूमिपुत्र शांताराम दामोदर पाटील दो
🔷 पत्रकार सुभाष पांडेय, भायंदर
भायंदर। शिक्षा, समाजसेवा, फ़िल्म, संगीत, खेल, साहित्य जगत से जुड़े उद्योगपति, कर्मठ समाजसेवक, भूमिपुत्र शांताराम दामोदर पाटील राजनीति से अधिक ‘ निष्पक्ष समाजसेवा ‘ को पसंद करते हैं। ‘ समाजसेवी ‘ शांताराम पाटील के शासन, प्रशासन, सरकार के विभागों एवं अधिकारियों से अच्छे संबंध हैं । उनका कहना है -” मनुष्य जीवन एक बार मिला है। इंसान अगर, इंसान के काम नहीं आएगा तो मनुष्य जीवन में जन्म लेने का क्या फ़ायदा ! जो लोग केवल अपने लिए जीते हैं वे मनुष्य, पाषाणह्र्दयी होते हैं। ऐसे स्वार्थी, लोभी, धनपशु मनुष्यों में प्रायः दया, करुणा, परोपकार की भावना नहीं होती। यही कारण है कि, बिना दिखावे के वे गरीब, जरूरतमंद लोगों की बंद मुट्ठी मदद करना वे अपना परम् धर्म समझते हैं। ”
उल्लेखनीय है कि, भायंदर ( पूर्व ) के खारी गांव के मूलतः ‘ पंचपांडव महल ‘ निवासी जुझारू, बुद्धिमान, ज्ञानवान, प्रतिभावान , दानवीर-शूरवीर उद्यमी शांताराम पाटील का बचपन बहुत ही शानदार ढंग से बीता। उन्होंने ‘ दीर्घायु अपने माता-पिता की ‘ आजीवन खूब सेवा की। ‘ मातृ-पितृ देव भव ‘ कहावत को चरितार्थ किया। आज उनका ‘ आगरी समाज ‘ मे ही नहीं गुजराती, राजस्थानी, उत्तरभारतीय समेत दक्षिण भारतीय समुदायों में भी बहुत सम्मान है। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। हर तरह की सुख-सुविधाओं से सम्पन्न हैं। वे ‘ सकारात्मक सोच ‘ रखते हैं। यही कारण है कि, 72 आयु के करीब पहुंचने के बाद आज भी ‘ स्वस्थ एवं मस्त ‘ हैं। वे तो ‘ सदाबहार हीरो ‘ दिखते हैं।
उन्होंने ‘ कई मराठी फिल्मों ‘ का निर्माण किया। फ़िल्मों में डायरेक्शन का भी काम किया। ” सासर-माहेर ” उनकी बेजोड़, सुपरहिट फ़िल्म थी। ‘ फ़िल्म-जगत की हस्तियां ‘ प्रायः उनके भायंदर के ‘ पंचपांडव महल ‘ में अक्सर आया-जाया करती रही हैं। नामचीन ख्यातिप्राप्त फिल्मी-लेखक, आर्टिस्ट, हीरो-हीरोइनों का भी उनके ‘ पंच पांडव महल ‘ पर अक्सर तांता लगा रहता है। राजस्व, पुलिस, राजनैतिक, साहित्यिक, खेल-जगत के लोगों से भी उनका प्रगाढ़ संबंध है।
उनके परदादा स्व. काळ्या पाटील, दादा (आजा) स्व.कष्टू पाटील, उनके पिता स्व. दामोदर कष्टू पाटील की किस्से-कहानियां अक्सर बताया करते हैं। उद्योगपति शांताराम पाटील ‘ अपने पूर्वजों का आज भी अधिक सम्मान करते हैं। उनको याद करते हैं। ‘
गौरतलब है कि, ‘ भायंदर आगरी समाज के प्रमुख ‘ शांताराम दामोदर पाटील का जन्म 25 नवंबर 1950 का है। शिक्षा-दीक्षा भायंदर में ही हुई है। उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ बचपन से ही घर के कामों में हाथ बटाना शुरू कर दिया था। वे बचपन से ही मेहनती, ईमानदार, मृदुभाषी थे। शांताराम पाटील अपने पांचों भाइयों में अपने माता-पिता, बहनों के सबसे लाड़ले थे। सबसे ज्यादा घर में वे ही जाने-माने जाते थे। उनके बड़े भाई स्व. परशुराम दामोदर पाटील भायंदर ‘ नवघर ग्राम-पंचायत ‘ के सदस्य, फिर सरपंच बने। मीरा-भायंदर नगरपरिषद में पहली बार नगरसेवक के रूप में जीतकर आये। उसके बाद उनको कई समितियों का सभापति बनाया गया। मीरा-भायंदर महानगरपालिका में ‘ विरोधी पक्ष नेता ‘ भी रहे। आज उनके भतीजे धनेश परशुराम पाटील मीरा-भायंदर महानगरपालिका में ‘ नगरसेवक, विरोधी पक्ष नेता हैं। ‘
उद्यमी शांताराम दामोदर पाटील का ‘ गणेश सैंड सप्लायर्स ‘ के नाम पर ईंट, रेती, सीमेंट का बड़ा-लंबा कारोबार था। भायंदर ( पूर्व ) के तलाव रोड़ के परशुराम पाटील मैदान में दर्जनों ट्रक पार्किंग में खड़े रहते थे। जोकि, ईंट,रेती,सीमेंट सप्लाई का कारोबार करते थे। आज उनके बड़े बेटे नवीन ‘ कम्प्यूटर ग्राफिक डिजाइनर ‘ हैं। मझले बेटे अमर एवं सबके छोटे बेटे दिनेश दोनों मिलकर ‘ ज़मीन-व्यवसाय एवं बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन ‘ लाइन देखते हैं। सभी होनहार बच्चे शादीशुदा हैं, जिनके बड़े घरों में रिश्ते हुवे और आज वे बड़े ही अच्छे ढंग से अपने घर-परिवार की देखभाल कर रहे हैं। भूमिपुत्र शांताराम पाटील की इकलौती शादीशुदा बेटी संगीता किसन पाटील की बेटी डॉक्टर जिज्ञासा भायंदर ( पूर्व ) के नवघर गांव में रहती है। उनकी बेटी भी अपने घर-परिवार में सुखी है, सम्पन्न है। बड़े गर्व की बात है कि, संगीता किसन पाटील की बेटी जिज्ञासा भी आज डॉक्टर है। आज शांताराम पाटील के नाती-पोते कोई वक़ालत की पढ़ाई कर रहा है, तो कोई इंजीनियरिंग, तो कोई ज़मीन-व्यवसाय में पारंगत है। वे अपने घर-परिवार से बहुत खुश हैं। उन्होंने अपने बच्चों को सुसंस्कारिक एवं उच्च शिक्षा दी है।
भूमिपुत्र शांताराम दामोदर पाटील बताते हैं कि, उनके ‘ पंच पांडव महल ‘ में हर समय लोगों का मेला लगा रहता है। ‘ होली, दिवाली, गणपति, गुड़ीपाड़वा, रक्षा-बंधन ‘ ऐसा कोई ‘ सनातन धर्म ‘ का पर्व न हो जो हर्षोल्लास से मनाया जाता हो। भायंदर ( पूर्व ) तालाब रोड़ स्थित इसी ‘ पंच पांडव महल ‘ का भूमिपूजन ‘ चाकलेटी सिने अभिनेता ‘ देव आनंद के हाथों सम्पन्न हुवा था। उस समय हिंदी, गुजराती, मराठी फिल्मों के ‘ फेमस हीरो-हीरोइन ‘, डायरेक्टर, लेखक, संगीतकार, सिने एवं स्टेज कलाकार भायंदर आये थे । ‘ कर्मयोगी ‘ शांताराम पाटील के पास तमाम बड़ी-बड़ी हस्तियों के उनके साथ के घर एवं अन्य स्थलों के अलबमों की भरमार है। ‘ सुप्रसिद्ध मराठी साहित्यकार ‘ पु.ल.देशपांडे, ‘ संगीतकार ‘ भीमसेन जोशी , ‘ कवि ‘ मंगेश पाड़गावकर, ‘ सिने कलाकार ‘ लक्ष्मीकांत बेर्डे, अशोक सराफ़, बाल धुरी, अशोक शिंदे, नाटककार गंगाधर गाव्हांनकर, निषिगंधा वाड़ आदि तमाम हस्तियों का ज़खीरा उनके ‘ पंचपांडव महल ‘ पर दस्तक दे चुका है। मराठी सुप्रसिद्ध फ़िल्म ‘ सासर माहेर ‘ में पहला सुप्रसिद्ध अभिनेत्री जयश्री गड़कर को पहली फ़िल्म का डायरेक्शन का काम दिया था। जिस फ़िल्म में गीत आशा भोसले, सुदेश भोसले, सुरेश वाडकर ने गाना गाया था। गीत जगदीश खेबुडकर ने लिखा । जिस फ़िल्म के संगीतकार बाल पलसुले थे। विशेषतः शांताराम पाटील ने ‘ सासर-माहेर ‘ फ़िल्म में पुलिस इंस्पेक्टर का रोल अदा किया था। ‘ भारतरत्न ‘ स्वरकोकिला स्व. लतादीदी मंगेशकर का उनके निवास मुम्बई के पेडर रोड पर घंटों मुलाक़ात बड़ी ही स्मरणीय है। बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है आज हाल ही में ‘ लता दीदी ‘ का उम्र के 92 वर्ष में मुम्बई के ‘ ब्रीचकेन्डी अस्पताल ‘ में कोविड के वजह से उनका निधन हो गया है। ‘ लता दीदी ‘ के अनगिनत, कालजयी, अमर गीतों को सदा याद किये जायेंगे। बड़े ही दर्द और करुण शब्दों में शांताराम पाटील ने यह बात कही। भायंदर के ‘ लोकसत्ता के प्रखर पत्रकार ‘ स्व. वैजनाथ भोईर जो अब नहीं रहे उनके अच्छे मित्रों में से एक थे। मुम्बई एवं ठाणे ग्रामीण के ‘ नामचीन पुलिस इंस्पेक्टर ‘ स्व. पंढरीनाथ घुगे भी उनके बहुत ही ‘ अच्छे पारिवारिक मित्र ‘ थे। आज वे मीरा रोड के सहायक पुलिस आयुक्त विलास सानप को अपना अभिन्न मित्रों में से एक मानते हैं। ‘ अभिनव विद्या मंदिर कैम्पस , गोड़देव ‘ के सांस्कृतिक विभाग के अध्यक्ष हैं तथा विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों पर रहकर छात्रों को भरपूर सहयोग किया। संत स्वभाव के शांताराम पाटील ‘ राष्ट्रधर्म, राष्ट्रनिर्माण, राष्ट्र विकास ‘ को सर्वोपरी मानते हैं। उनका कहना है ‘ राजनीति अपनी जगह है। ‘ लेकिन, जहां देश की बात आती है तो वहां पार्टी-पक्ष भूलकर ‘ हमें हम सबको देश का साथ देना चाहिए। देशभक्ति हर नागरिक के अंदर, अंतःकरण में होंनी चाहिए। अंत में उन्होंने ‘ मीरा-भायंदर शहर के विकास में योगदान देनेवाले ‘ स्वतंत्रता-सेनानी, नगरसेवकों, समाजसेवकों, अधिकारी-वर्गों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों , प्रशासनिक-क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ-साथ स्कूल-कॉलेज, अस्पताल के मालिक-संचालकों की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। ‘ एडवोकेट एशोसिएशन , ठाणे ‘ के पूर्व अध्यक्ष एवं थाणे जिला के नामवंत एडवोकेट स्व. डी. बी.पाटील के सुपुत्र एडवोकेट संदेश डी. पाटील, एडवोकेट आदेश डी.पाटील समेत ‘ वकील संगठन से जुड़े सभी सदस्यों, पदाधिकारियों को ‘ भी हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेर सारी बधाईयां अर्पित की हैं।